कलियुग में केवल प्रभु का नाम ही
एकमात्र आधार है । जिसने भी कलियुग में भवसागर पार किया है उसने नाम जप का आधार
लिया है और उसी के बल पर भवसागर पार किया है । ऐसा सभी संतों और भक्तों के चरित्र
में देखने को मिलेगा कि उन्होंने कलियुग में प्रभु नाम जप का ही जीवन में सहारा
लिया है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony